शनिवार, 22 नवंबर 2008

कपड़ों में छुपा है स्वस्थ जीवन का राज

स्वस्थ जीवन जीना चाहते हैं तो आपको अच्छे भोजन के साथ ही साफ कपड़े पहनने की भी जरुरत है। विशेषज्ञों का मानना है कि साफ कपड़े पहनना न केवल स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए जरुरी है, बल्कि यह जीवन में सफलता प्राप्ति में भी अहम भूमिका निभाता है।
त्वचा रोग विशेषज्ञ डा. अनुराग तिवारी ने कहा कि साफ पानी में धुले कपड़े एग्जिमा, खुजली और फुंसियों जैसे त्वचा रोगों को कोसों दूर रखते हैं। डा. तिवारी ने कहा कि गंदे पानी में धुले कपड़ों में बीमारी के असंख्य विषाणु आ जाते हैं, जिससे एग्जिमा और खुजली जैसी त्वचा संबंधी बीमारियां पैदा होने की आशंका बनी रहती है। उन्होंने कहा कि अक्सर ऐसे मामलों में लापरवाही बरती जाती है और लोग नहीं समझ पाते कि त्वचा की समस्याएं दवा लेने से भी क्यों नहीं ठीक हो रहीं। बीमारी ठीक नहीं होने का वास्तविक कारण उनके स्वयं के कपड़े होते हैं, जब तक लोग स्वयं जागरुक नहीं होंगे, यह बीमारियां दवाओं से भी पूरी तरह नहीं ठीक होंगी।
धुले और साफ कपड़ों का व्यक्तित्व निखार में भी अहम योगदान है। दिल्ली में व्यक्तित्व विकास की कक्षा लेने वाले कुमार सौरभ ने कहा कि कार्यक्षेत्र या अन्य सामुदायिक स्थलों पर अपना सिक्का जमाने के लिए प्राथमिक तौर पर आपकी वेशभूषा का खासा असर पड़ता है। सौरभ ने कहा कि स्वच्छ और व्यवस्थित वेशभूषा सामने वाले व्यक्ति पर आपकी सकारात्मक छवि पेश करती है। इसके विपरीत अस्त-व्यस्त वेशभूषा आपको किसी के भी सामने लापरवाह, आलसी और गैरजिम्मेदार के रूप में प्रस्तुत करती है। उन्होंने कहा कि खास तौर पर कार्यक्षेत्र में अपनी वेशभूषा का ज्यादा ध्यान रखें क्योंकि कई कंपनियों में प्रगति के लिए आकलन के दौरान अन्य घटकों के साथ कर्मचारी के व्यक्तित्व पर भी ध्यान दिया जाता है।
लॉड्री दिवस की अवधारणा 18 वीं शताब्दी में यूरोप के देशों में शुरू हुई, जहां घर के कपड़े धोने और इस्त्री करने वालों के सम्मान में वर्ष में एक दिन उनके लिए समर्पित किया गया। इस संबंध में कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं हैं कि लॉड्री दिवस सर्वप्रथम कहां मनाया गया।

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